दुनियाँ- जहान,
क्यूँ परीशां
मैं हिन्दू , तू मुसलमान
इंसानियत बेआबरू,
एक सामान
मुद्दा : पहचान - पहचान
आतंकवाद एक समस्या,
हक़ीकत- रोजमर्रा
इन्सानी ज़हन - बुनियाद
मानवीयता, सौहार्द , प्रेम
क्यूँ परीशां
मैं हिन्दू , तू मुसलमान
इंसानियत बेआबरू,
एक सामान
मुद्दा : पहचान - पहचान
आतंकवाद एक समस्या,
हक़ीकत- रोजमर्रा
इन्सानी ज़हन - बुनियाद
मानवीयता, सौहार्द , प्रेम