Monday, October 10, 2011

अफ़सोस

मुझे  अफ़सोस  है  कि  उस  रात  जब  किसी  करणवश, तुम मेरे  लिए  खाना  ले   के  आई  थी,
और अपने शर्मीलेपन के  कारण  मैंने  तुम्हे  तुरत जाने  को  कहा था, और तुम्हे बुरा भी लगा था
क्यूँ   कहा  ऐसा  मैंने,  मुझे  अफ़सोस  है ....

मुझे  अफ़सोस  है  कि  जब  तुमने  उस  सस्ते  से  प्लास्टिक  के  कीरिंग,
जिस  पे  I love you लिखा  था ,
मुझे  इतने  प्यार  से  दिखाया  और  मैंने,  उपहास  से  हँस  दिया,
बहुत  अफ़सोस  है ....

मुझे अफ़सोस उस दिन का है जब उस साल कि पहली-पहली बारिश मे मैं भीग रहा था
और तुम खिड़की से बस देख रही थी,
ज़माने के डर से मन- मसोस रही थी
और मैं अठखेलियाँ कर रहा था, मुझे बहुत अफ़सोस है....

मुझे  अफ़सोस  उस  वक़्त का  है  जब  भरी  चाँदनी  रात  मे  छत  पे  तुमने  मेरा  हाथ  अपने  हाथ  मे  लिया,
और  मै  सहमा  सा  था, कि कोई कहीं  देख  ना  ले,
मुझे  बहुत  अफ़सोस  है ....

मुझे  अफ़सोस  है  जब  काफ़ी शुरू - शुरू  मे  तुमने  कहा  था  कि  "हमारे  रिश्ते  का  कोई  future नहीं  है"
और  मैंने  कहा  था  कि  बाद  का  बाद  मे सोचेंगे,
मुझे  अफ़सोस  है  कि  हम  तबसे  ही  क्यूँ  नहीं  सोचे ....

मुझे  अफ़सोस  है  इन सबका   और  कई  और  अफसोसों का 
पर  आज  भी  इन  सब  मे  तुम्हे  साँस  लेता  देखता हूँ  तो दिल को सुकून  मिलता  है ....