आओ इस पल को पलकों मे बसा लें, मेरी जानेजाना
ना जाने कल क्या हो, किसे पता- किसने जाना
आओ लम्हों मे जिंदगी जी लें
लम्हे के एक चौथाई हिस्से मे तुम रुठोगी
दूसरे चौथाई हिस्से मे मै मनाऊंगा
तीसरे मे तुम मान जाओगी और मेरी खुशियाँ सातवें आसमान पे होगी
फिर, चौथे हिस्से मे हम ज़ुदा हो जाएंगे
आओ इस पल को पलकों मे बसा लें मेरी जानेजाना
ना जाने कल क्या हो, किसे पता- किसने जाना
काश! जुदाई चौथाई लम्हों जितनी छोटी होती ....
ना जाने कल क्या हो, किसे पता- किसने जाना
आओ लम्हों मे जिंदगी जी लें
लम्हे के एक चौथाई हिस्से मे तुम रुठोगी
दूसरे चौथाई हिस्से मे मै मनाऊंगा
तीसरे मे तुम मान जाओगी और मेरी खुशियाँ सातवें आसमान पे होगी
फिर, चौथे हिस्से मे हम ज़ुदा हो जाएंगे
आओ इस पल को पलकों मे बसा लें मेरी जानेजाना
ना जाने कल क्या हो, किसे पता- किसने जाना
काश! जुदाई चौथाई लम्हों जितनी छोटी होती ....